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भारत सरकार ने हाल ही में 'अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम' शुरू किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अल्पसंख्यक समुदायों के लाभार्थियों को सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ अन्य प्राथमिकता वाले ऋणों के तहत बैंक क्रेडिट का उचित हिस्सा मिले. कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्राथमिक क्षेत्र के ऋण का उचित प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों को लक्षित करें और वंचितों के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यक समुदायों के वंचित वर्गों तक पहुंचे. कार्यक्रम के लक्षित समूह में भारत सरकार, कल्याण मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में अधिसूचित निम्नलिखित समुदाय शामिल हैं. a. मुसलमान, b. ईसाई, c. सिख, d. बौद्ध और e. पारसी (पारसी) f. जैन कार्यक्रम में देश के 121 जिले शामिल हैं जहां अल्पसंख्यक समुदायों की जनसंख्या केंद्रित है.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का देश के एक अग्रणी राष्ट्रीयकृत बैंक के रूप में पूरे देश में 4078 शाखाओं का एक व्यापक नेटवर्क है और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए वित्तीय एक्सपोजर को बढ़ाने के लिए पहले ही शुरूआत कर चुका है. 2016 तक अल्पसंख्यक समुदायों को प्राथमिक क्षेत्र के ऋण देने के लिए एवं अल्पसंख्यक समुदायों को प्राथमिक क्षेत्र के अग्रिम के 15% के लक्षित स्तर को प्राप्त करने के लिए बैंक ने एक रोडमैप तैयार किया है. वर्तमान में अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण देने की स्थिति मार्च -2015 (11.99) तक रु.10482 करोड़ रही और हमारे बैंक ने 2016 तक 15,000 करोड़ रुपये के अनुमानित स्तर तक पहुंचने की योजना बनाई है, जो प्राथमिकत क्षेत्र के अग्रिमों के 15% की निर्धारित आवश्यकता को पूरा करेगा.
हमारे बैंक द्वारा उपरोक्त लक्षित स्तर तक पहुँचने के लिए निम्नलिखित पहल की गई हैं :
हमारे बैंक के पास रिटेल लोन, हाउसिंग लोन, एजुकेशन लोन, एग्रीकल्चर लोन, छोटे कारोबार के लिए लोन, व्यापारी के लिए लोन, स्व-नियोजित/रोजगार लोन आदि जैसी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न जरूरत आधारित/ टेलर मेड डिपॉजिट/ लोन उत्पाद की एक बास्केट है.
विशेष योजनाएँ सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के तहत लाभकारी रोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है जिनमे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम), मैनुअल स्कैवेंजर्स (एसआरएमएस)के पुनर्वास के लिए स्व रोजगार योजना , प्रधान मंत्री ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), ब्याज की अंतर दर (डीआरआई) आदि. कृषि क्षेत्र के लिए समर्थन फार्म/कृषि क्षेत्र के तहत मुर्गी पालन/ डेयरी विकास, उत्पादन ऋण, कृषि यंत्रीकरण, लघु सिंचाई, भूमि विकास, भूमि की खरीद, आदि की सहायता के लिए सहायक उपलब्ध होता है.
हमारे बैंक ने 14 ग्रामीण विकास और स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आर-सेटी) हमारे प्रमुख जिलों में स्थापित किए हैं, जिनमे एर्नाकुलम और इडुक्की (केरल), वाराणसी, मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, भदोही, चंदौली (उत्तर प्रदेश), समस्तीपुर, खगड़िया (बिहार) और रीवा, सीधी, सिंगरौली (मध्य प्रदेश) और एक ग्रामीण विकास फाउंडेशन अलीबाग (महाराष्ट्र) में कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण देने के साथ-साथ स्वरोजगार के उपक्रम अपनाने के लिए परामर्शी सेवाएं प्रदान करेगा.
जमा और ऋण के लिए उपलब्ध योजनाओं का विवरण ओवरलीफ़ में दिया गया है और इसे हमारी बैंक की वेबसाइट www.unionbankofindia.co.in पर पहुंचकर देखा जा सकता है.
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प्राथमिक क्षेत्र की ऋण योजनाएँ
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