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हाल के वर्षों में, देश में डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल भुगतान और फिनटेक नवाचारों में तीव्र गति से वृद्धि हुई है। सरकार इन क्षेत्रों को लगातार यह सुनिश्चित करने हेतु प्रोत्साहित कर रही है कि डिजिटल बैंकिंग का लाभ उपभोक्ता-हितैषी तरीके से देश के कोने-कोने तक पहुंचे।
धन संबंधी मामले जटिल, व्यक्तिगत होते हैं साथ ही लोगों को बैंकिंग से संबंधित मामलों में मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। इसी कारण, से लेन-देन के डिजिटल माध्यम के साथ-साथ मानवीय हस्तक्षेप को जोड़ने हेतु भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल बैंकिंग इकाइयों की नई अवधारणा के साथ सामने आए। इस एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए और हमारी आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर, भारत सरकार ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी अधिसूचना RBI/2022-23/19 DOR.AUT.REC.12/22.01.001/2022-23 दिनांक 07.04.2022 द्वारा डिजिटल बैंकिंग इकाइयों की स्थापना हेतु दिशानिर्देश निर्धारित किए।
भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, भारतीय बैंक संघ कार्य समूह द्वारा हमारे बैंक को डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) की स्थापना हेतु 7 जिले आवंटित किए गए थे।
हमारा बैंक निम्नलिखित स्थानों पर 7 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) के साथ कार्यरत है।
डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) में कियोस्क के अंतर्गत बैंक स्वयं सेवा और सहायक मोड दोनों माध्यम में निम्नलिखित सेवाओं के साथ कार्यरत है:
अर्द्ध-स्वचालित स्वयं-पासबुक प्रिंटर
जिन ग्राहकों के पास लेनदेन करने हेतु घर या कार्यस्थल पर पीसी/लैपटॉप नहीं है, उनके लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करना
वर्चुअल रियलिटी डिवाइस के माध्यम से ग्राहकों को बेहतर अनुभव करने के लिए यूनियन बैंक की आभासी दुनिया यूनी-वर्स (UNI-Verse) तक पहुँच
स्वयं - सेवा क्षेत्र
प्रशिक्षण क्षेत्र
सहायक क्षेत्र
डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) एक विशेषीकृत नियत बिन्दु व्यवसाय इकाई / केंद्र है, जिसमें डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को वितरित करने के साथ-साथ मौजूदा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को डिजिटल रूप से स्वयं-सेवा और सहायक दोनों माध्यम में डिजिटल रूप से सेवा प्रदान करने हेतु कुछ न्यूनतम डिजिटल बुनियादी ढांचा होता है।
डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू)में निम्नलिखित सेवाएं प्रदान की जाती हैं:
डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) एक विशेषीकृत नियत बिन्दु व्यवसाय इकाई / केंद्र है, जिसमें डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को वितरित करने के साथ-साथ मौजूदा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को डिजिटल रूप से स्वयं-सेवा और सहायक दोनों माध्यम में, ग्राहकों को लागत प्रभावी / सुविधाजनक पहुंच प्रदान करने हेतु तथा पूरे वर्ष, किसी भी समय एक कुशल, कागज रहित, सुरक्षित और संयोजित वातावरण में डिजिटल अनुभव को उन्नत बनाने हेतु डिजिटल रूप से सेवा प्रदान करने हेतु, कुछ न्यूनतम डिजिटल बुनियादी ढांचा होता है।
प्रथम चरण में, सेविंग्स जनरल योजना कोड वाला बचत खाता खोला जाएगा। दूसरे चरण में, चालू खाता (एकल एवं स्वामित्व) खोला जाएगा। बचत खाता खोलने हेतु ग्राहक के पास वैध पैन, सक्रिय मोबाइल नंबर से जुड़ा आधार और ईमेल आईडी होना चाहिए
ऐसे खाते डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) में नहीं खोले जा सकते हैं। चूंकि डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) का मुख्य उद्देश्य वित्तीय समावेशन के माध्यम से बैंक रहित/कम बैंकसुविधा वाले वैयक्तिक ग्राहकों तक वित्तीय सेवाओं की डिजिटल पहुंच को बढ़ाना है।
दस्तावेज़ की भौतिक प्रति डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) में जमा करने की आवश्यकता नहीं है, जबकि वीडियो-केवाईसी के समय ग्राहक को सत्यापन हेतु दस्तावेजों को मूल रूप में रखना और प्रदर्शित करना होगा।
ग्राहक केवल इंटरनेट बैंकिंग कियोस्क के माध्यम से सावधि जमा खोल सकता है और ग्राहक को कोई भौतिक रसीद नहीं दी जाएगी।
वर्तमान में डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) से नामिती विवरण में किसी प्रकार के संशोधन की अनुमति नहीं है। बचत, चालू और सावधि जमा खातों में नए नामिती को जोड़ा जा सकता है।
वर्तमान में यह सेवा डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) में उपलब्ध नहीं है।
ग्राहक विभिन्न माध्यमों से जैसे एटीएम, सीआरएम, बहुआयामी कियोस्क और इंटरनेट बैंकिंग कियोस्क के द्वारा चेक बुक हेतु आवेदन कर सकता है। चेक बुक ग्राहक के पंजीकृत पते पर पहुंचाई जाएगी।
जैसा कि सामान्य बैंक शाखाओं पर लागू होता है।
जैसा कि डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) को कागज रहित बैंकिंग इकाई के रूप में देखा गया है, खाता विवरण के मुद्रण की अनुमति नहीं है। ग्राहक पासबुक प्रिंटिंग कियोस्क या बहुआयामी कियोस्क का उपयोग करके अपनी पासबुक मुद्रित कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से वे इंटरनेट बैंकिंग कियोस्क का उपयोग करके अपना खाता विवरण तैयार कर सकते हैं एवं अपनी ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं।
वर्तमान में डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) में लॉकर सेवाएं प्रदान नहीं की जा रही हैं।
केवाईसी को अद्यतन करने, नामांकन में संशोधन, अन्य शाखाओं हेतु डेबिट कार्ड जारी करने आदि जैसी सेवाएं, जो अभी पूरी तरह से डिजिटल की जानी हैं और वर्तमान में भौतिक आवेदन माध्यम से हो रही हैं, डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) में भौतिक आवेदन स्वीकार करके की जाएगी, जब तक कि ये सेवा पूरी तरह से डिजिटल नहीं हो जाती है।
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