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सितंबर 2016 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने अकाउंट एग्रीगेटर (एए) की स्थापना का प्रस्ताव दिया जो एक उभयनिष्ठ मंच के रूप में कार्य करेगा जो उपयोगकर्ता की सहमति से विभिन्न संस्थाओं से डेटा को आसानी से साझा करने और उपभोग करने में सक्षम होगा। अकाउंट एग्रीगेटर लोगों को उनके वित्तीय डेटा को सुरक्षित और संरक्षित तरीके से अन्य पक्षकार के साथ साझा करने में मदद करेगा, और उन्हें इस बात पर अधिक से अधिक नियंत्रण देगा कि उनके डेटा का उपयोग कैसे किया जा रहा है। जुलाई 2019 में, अकाउंट एग्रीगेटर और अंडरलाइंग कंसेंट लेयर एपीआई को डेटा एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन आर्किटेक्चर (डीईपीए) के रूप में पेश किया गया था। डीईपीए का उद्देश्य सेवा प्रदाताओं के बीच विश्वसनीय डेटा की सुरक्षित पोर्टबिलिटी को सक्षम करते हुए डेटा पहुँच प्रदान करना है।
अकाउंट एग्रीगेटर उपयोगकर्ता की स्पष्ट इलेक्ट्रॉनिक/डिजिटल सहमति के आधार पर वित्तीय सूचना प्रदाता (फ़ाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन प्रोवाइडर - एफ़आईपी) से वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता (फ़ाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन यूजर – एफ़आईयू) को डेटा प्रदान करता है। उपयोगकर्ता की स्पष्ट सहमति के बिना अकाउंट एग्रीगेटर द्वारा उपयोगकर्ता की कोई वित्तीय जानकारी प्राप्त, साझा या स्थानांतरित नहीं की जाती है। एक अकाउंट एग्रीगेटर एफ़आईयू और एफ़आईपी के बीच केवल वाहक के रूप में कार्य करता है और डेटा को प्रोसेस नहीं करता है। एक अकाउंट एग्रीगेटर 'डेटा-ब्लाइंड' है क्योंकि अकाउंट एग्रीगेटर के माध्यम से प्रवाहित होने वाले डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है और इसे केवल एफ़आईयू द्वारा प्रोसेस्ड किया जा सकता है जिसके लिए डेटा भेजा गया है। साथ ही, अकाउंट एग्रीगेटर किसी भी उपयोगकर्ता के डेटा को संग्रहीत नहीं करता है और न ही कर सकता है - इस प्रकार, उपयोगकर्ता के डेटा के क्षरण और दुरुपयोग की संभावना को रोका जाता है।
अकाउंट एग्रीगेटर पारिस्थितिकी तंत्र:
अकाउंट एग्रीगेटर एफ़आईपी जो कि ग्राहक के वित्तीय डेटा को रखते हैं से डेटा एकत्र करके उसे एफ़आईयू जैसे ऋणदाता बैंक\एजेंसियां जो कि वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं के साथ साझा करने में एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।
अकाउंट एग्रीगेटर पारिस्थितिकी तंत्र के तहत विभिन्न भागीदार एफआईपी, एफआईयू, एए, टीएसपी और प्रमाणनकर्ता हैं:
अकाउंट एग्रीगेटर मॉडल:
अकाउंट एग्रीगेटर के मूल मॉडल में 4 खंड हैं, ग्राहक, अकाउंट एग्रीगेटर (एक सहमति प्रबंधक या वित्तीय डेटा एक्सेस फ़िडुशरी के रूप में कार्य करना), वित्तीय सूचना प्रदाता (एफ़आईपी) और वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता (एफ़आईयू)।
अकाउंट एग्रीगेटर मॉडल को चित्रमय दृश्य में नीचे संलग्न किया गया है:
अकाउंट एग्रीगेटर उपयोगकर्ताओं को ऋण, बीमा और अन्य वित्तीय उत्पादों तक आसान पहुंच प्रदान करने हेतु या उनके सभी निवेशों पर नज़र रखने हेतु विभिन्न वित्तीय संस्थानों और सेवा प्रदाताओं के साथ डिजिटल रूप से अपना डेटा साझा करने की अनुमति देते हैं। अकाउंट एग्रीगेटर, अनिवार्य रूप से, सहमति दलालों के रूप में कार्य करेंगे, उपयोगकर्ताओं के वित्तीय खातों तक पहुँचने के लिए उपयोगकर्ता की अनुमति लेंगे और एक ही स्थान पर उनकी सभी वित्तीय जानकारी एकत्र करेंगे और व्यवस्थित करेंगे।
अकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम द्वारा साझा किए गए डेटा में सुरक्षित डिजिटल हस्ताक्षर होंगे। डेटा को बैंक से उन संस्थानों में एन्क्रिप्ट किया जाएगा जहां ग्राहक ऋण या अन्य वित्तीय उत्पाद मांग रहा है।
अकाउंट एग्रीगेटर ऐप्स एक पाइप के रूप में कार्य करते हैं जिसके माध्यम से ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्राप्त करने हेतु डेटा को सुरक्षित रूप से साझा किया जाता है, महत्वपूर्ण रूप से एक इनबिल्ट फ्रेमवर्क के माध्यम से जो उपयोगकर्ताओं को यह चुनने की अनुमति देगा कि वे किसके साथ अपना डेटा साझा करना चाहते हैं, वे किस डेटा को साझा करना चाहते हैं, किस उद्देश्य हेतु, किस समय अवधि हेतु, साथ ही साथ डेटा तक पहुँच को रद्द करने की भी अनुमति है।
यह डेटा बैंक या एनबीएफसी के पास तब तक रहेगा जब तक कि आवेदन को प्रोसेस करने हेतु इसकी आवश्यकता है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 29/04/2022 से अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क पर सक्रिय है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता (एफ़आईयू) के साथ-साथ वित्तीय सूचना प्रदाता (एफ़आईपी) के रूप में कार्य कर रहा है।
निम्नलिखित अकाउंट एग्रीगेटर हमारे बैंक द्वारा शामिल किए गए हैं:
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