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किसान क्रेडिट कार्ड योजना (सीसीएएचएफ़):
पात्रता: पशुपालन और मत्स्या पालन के लिए केसीसी के तहत लाभार्थी के लिए व मानदंड निम्नानुसार हैं.
ए. अंतर्देशीयक मत्स्य पालन और जलकृषि
ए. मछुआरे, मछली पालने वाले किसान (व्यक्तिगत और समूह / भागीदार /बटाईदार / किराएदार किसान) स्वयं सहायता समूहो, संयुक्त देयता समूहो और महिला समूहो.
बी. लाभार्थियों के पास तालाब, टेंक, खुले जल निकाए, रेसवे, हेचरी, पालन, ईकाइ, नावों, जालों और एसे अन्य पकड़ने के औज़ार, मछली पकड़ने से संबन्धित कार्यो जैसे किसी भी मत्स्य पालन से संबन्धित संपत्ति का स्वामित्व या पट्टे और आवश्यक प्राधिकरण / प्रमाणीकरण जो लागू होना चाहिए. मछली पालन और मछली पकड़ने से संबन्धित गतिविधियों और किसी भी अन्य राज्य विशिष्ट मत्स्य पालन और संबन्धित गतिविधियों से संबधित राज्यो में होना चाहिए.
किसान क्रेडिट कार्ड योजना:
संपार्श्विक प्रतिभूति:
गैर-टाई अप केसीसी:
ए) 1.60 लाख तक: शून्य
बी) 1.60 लाख रुपए से अधिक: जमीन को गिरवी रखना और/या बंधक फसलों/ अस्तियों आदि के अतिरिक्त तृतीय-पक्ष गारंटी.
केसीसी टाई अप के लिए :
ए) 3.00 लाख रुपये तक: शून्य:
बी)3.00 लाख रुपए के अधिक: : जमीन को गिरवी रखना और/या बंधक फसलों/ अस्तियों आदि के अतिरिक्त तृतीय-पक्ष गारंटी
उन किसानों के संबंध में जिनका दूध दुग्ध संघो द्वारा खरीदा जाता हो उत्पादकों और प्रसंस्करण ईकाइयों के मध्य बिना बिचोलियों के सीधे किसानो के बैंक खाते मे जमा किया जाता हो, ऐसी क्रेडिट सीमा के तहत 3 लाख रुपए तक की क्रेडिट सीमा को संपर्शिविक सीमा सुरक्षा के बिना दुग्ध संघ से वचन पत्र प्राप्त किए बिना किया जा सकता है.
दुग्ध संघ को बैंक और किसान (यदि किसान सहमत हो) के साथ सामान्य त्रिपक्षीय समझौता करना पड़ेगा, किसी चूक के मामले में केसीसी बकाए के भुगतान का आश्वासन देना होगा.
दुग्ध संघ समय पर बैंक बकाया का भुगतान कर
ने के लिए बैंक के साथ नो कॉस्ट सर्विस
व्यवस्था भी कर सकता है ताकि किसान तत्काल पुनर्भुगतान और बढ़ी हुई संपार्श्विक मुक्त ऋण सीमा के लिए 3% प्रतिवर्ष के अतिरिक्त ब्याज सबवेशन का लाभ उठा सकें।
मत्स्य पालन किसानों के मामले, जिनके उत्पाद संघ द्वारा खरीदे जाते हैं , उत्पादकों और प्रसंस्करण इकाइयो के बीच बिना किसी बिचौलिये के भुगतान को सीधे उनके बैंक खाते मै जमा किए जाते हो, मत्स्य संघो से वचन पत्र प्राप्त करके समपार्श्विक प्रतिभूति वाली एसी क्रेडिट सीमा को 3 लाख रुपए तक बढ़ाया जा सकता है.
मत्स्य संघों कों बैंक और किसान (यदि किसान सहमत हो) के साथ सामान्य त्रिपक्षीय समझौता करना और चूक होने पर बैंक को केसीसी का बकाया भुगतान का आश्वासन देना होगा.
मत्स्य संघ समय पर बकाया का भुगतान करने के लिए बैंक के साथ नो कास्ट सेवा व्यवस्था मे प्रवेश कर सकते है ताकि किसान तत्काल पुनर्भुगतान और बढ़ी हुई समपार्श्विक मुक्त क्रेडिट सीमा के लिए 3% प्रतिवर्ष के अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन का लाभ उठा सकें.
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