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image अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 
1. वे कौन से विभिन्‍न प्रकार के खाते हैं जो किसी एनआरआई (अनिवासी भारतीय) द्वारा भारत में खोले जा सकते हैं?
उत्‍तर: एनआरआई (अनिवासी भारतीय) भारत में निम्‍न खाते खोल सकते हैं :
रूपयों में- एनआरई (NRE) तथा एनआरओ (NRO)
विदेशी मुद्रा में:- एफसीएनआर (FCNR)
 
2. क्‍या कोई एनआरआई (अनिवासी भारतीय) एक समय में विभिन्‍न बैंकों में कई खाते खोल सकता है?
उत्‍तर: हां, कई खाते खोलने व संचालन हेतु कोई पाबंदी नहीं है.
 
3. क्‍या एक एनआरआई(अनिवासी भारतीय), एक या अधिक एनआरआई के साथ संयुक्‍त खाते खोल सकता है?
उत्‍तर: हां.
 
4. क्‍या एक एनआरआई (अनिवासी भारतीय) भारतीय निवासी के साथ संयुक्‍त खाते खोल सकता है?
उत्‍तर: एनआरआई (NRIs) (अनिवासी भारतीय), भारतीय निवासियों के साथ एनआरई तथा एफसीएनआर (NRE & FCNR) खाते नहीं खोल सकते हैं. हालांकि, वे भारतीय निवासियों के साथ एनआरओ (NRO) खाता खोल सकते हैं व उसे संचालित कर सकते हैं.
 
5. क्‍या संयुक्‍त खाते खोलने के इच्‍छुक सभी एनआरआई एक ही देश के निवासी होने चाहिए?
उत्‍तर: नहीं, वे अलग-अलग देशों के निवासी भी हो सकते हैं.
 
6. क्‍या कोई एनआरआई विदेश से भी खाता खोल सकता है?
उत्‍तर: हां. कोई एनआरआई (अनिवासी भारतीय) विधिवत भरा हुआ व हस्‍ताक्षरित खाता खोलने का फार्म (AOF) तथा पासपोर्ट व बीजा इत्‍यादि की भारतीय उच्‍चायोग द्वारा विधिवत प्रमाणित प्रतियां भेज कर विदेश से भी खाता खोल सकता है.
 
7. क्‍या कोई एनआरआई (अनिवासी भारतीय) शून्‍य बैलेंस से खाता खोल सकता है?
उत्‍तर: हां, किसी रोजगार, कारोबार, व्‍यवसाय इत्‍यादि के लिए विदेश जाने का इच्‍छुक व्‍यक्ति औपचारिकताएं पूरी करके शून्‍य बैलेंस से खाता खोल सकता है. उसके बाद, उसे खाता चालू रखने के लिए निर्धारित समय के भीतर पैसा जमा करना होगा, इसके बाद ही उसे चेकबुक जारी की जाएगी.
 
8. क्‍या कोई एनआरआई (अनिवासी भारतीय) अपनी ओर से अपने खाते संचालित करने तथा निवेश करने के लिए किसी स्‍थानीय निवासी को पॉवर ऑफ एटार्नी दे सकता है?
उत्‍तर: हां, एनआरआई(अनिवासी भारतीय) अपने एनआरई/एनआरओ खातों से स्‍थानीय भुगतान करने के लिए तथा स्‍वयं की ओर से निवेश करने के लिए मुख्तारनामा (पॉवर ऑफ एटार्नी) धारक नियुक्‍त कर सकता है.
 
9. मुख्तारनामा पर कौन-कौन सी सीमाएं लागू हैं?
उत्‍तर: कोई मुख्तारनामा धारक निम्‍न कार्य नहीं कर सकता है :
  • एनआरआई (अनिवासी भारतीय) के नाम से एनआरआई खाता खोलना व बंद करना
  • मुख्तारनामा (P.A.) में विशेष रूप से उल्‍लेख किए बिना खाते से डीडी/टीटी इत्‍यादि के रूप में पैसा स्‍वदेश भेजना
  • उपहार देना
  • मूलधन के अतिरिक्‍त अन्‍य धनराशि को एनआरई खातों में स्‍थानांतरित करना
  • एनआरआई की ओर से ऋण नहीं प्राप्‍त सकते/दस्‍तावेज संपादित नहीं कर सकता
  • विदेशी मुद्रा/विदेशी मुद्रा यात्री चेक नहीं जमा कर सकता
 
10. एक एनआरआई (अनिवासी भारतीय) भारत आते समय बिना कस्‍टम डिक्‍लेयरेशन फार्म (CDF) के, अपने साथ कितनी विदेशी मुद्रा (FC) ला सकता है?
उत्‍तर: एक एनआरआई (अनिवासी भारतीय) व्‍यक्ति अधिकतम 10,000/- अमेरिकी डालर अथवा इसके बराबर (एफसीयात्री चेक/एफसी के रूप में) की रकम ला सकता है जिसमें से बिना सीडीएफ में घोषित किए 5,000/- अमेरिकी डालर करेंसी नोटों के रूप में हो सकता है. उपरोक्‍त सीमा से अधिक धनराशि की जानकारी कस्टम घोषणा पत्र में दी जानी चाहिए. शेष धनराशि या संपूर्ण राशि यात्री चेक के रुप में हो सकती है.
 
11. क्‍या कोई रिश्तेदार /मुख्तारनामा धारक (पॉवर ऑफ एटार्नी) अथवा अन्‍य स्‍थानीय निवासी एनआरआई की ओर से ऐसी विदेशी मुद्रा जमा कर सकता है?
उत्‍तर: नहीं, एनआरआई (अनिवासी भारतीय) को विदेशी मुद्रा/विदेशी मुद्रा यात्री चेक जमा करने के लिए अपने पासपोर्ट के साथ स्‍वयं आना पड़ता है.
 
12. क्‍या कोई अनिवासी भारतीय स्‍थानीय धन एनआरई खाते में जमा कर सकता है?
उत्‍तर: नहीं, केवल विदेश से डीडी (DDs)/टीटी (TTs)/एमटी (MTs)/एफसी (FCs)/यात्री चेक (TCs) इत्‍यादि के रूप में प्राप्त धनराशि आने वाला पैसा ही एनआरई (अनिवासी भारतीय) खाते में जमा किया जा सकता है. स्‍थानीय पैसा अनिवासी भारतीय के एनआरओ खाते में जमा की जा सकती है.
 
13. क्‍या एनआरई/एनआरएनआर/एफसीएनआर/ एनआरओ (NRE/NRNR/FCNR/NRO) खातों में प्राप्‍त ब्‍याज कर योग्‍य होता है?
उत्‍तर: एनआरई/एफसीएनआर तथा एनआरएनआर (NRE/FCNR & NRNR) खातों में प्राप्‍त ब्‍याज टैक्स (कर) योग्‍य नहीं होता है. तथापि, एनआरओ खाते में प्राप्‍त ब्‍याज पर वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार टीडीएस (TDS) कटौती होती है.
 
14. एनआरओ खातों पर टीडीएस दर क्‍या है?
उत्‍तर : आयकर अधिनियम, 1961 के अनुच्‍छेद 195 के अनुसार, अनिवासी भारतीयों को ब्‍याज के रूप में अर्जित आय, स्रोत में से कर कटौती करना, बैंकों का दायित्‍व है. टीडीएस की दर का विवरण प्रत्‍येक वर्ष, वित्‍त अधिनियम में दिया जाता है. वर्तमान में लागू टीडीएस निम्‍नानुसार है:

10 लाख रूपये तक अर्जित किए गए ब्‍याज पर टीडीएस दर- 30.90%
10 लाख रूपये से अधिक अर्जित किए गए ब्‍याज पर टीडीएस दर- 33.99% अधिभार शुल्‍क सहित

तथापि, टीडीएस कटौती डबल टैक्‍सेशन एवाइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के अधीन की जाती है. जिसे भारत ने अनेक देशों के साथ किया है.
 
15. क्‍या एनआरओ खाते का ब्‍याज स्‍वदेश भेजे जाने के योग्‍य होता है?
उत्‍तर: हां, एनआरओ खाते में अर्जित किया गया ब्‍याज स्‍वदेश भेजा जा सकता है अथवा एनआरई/एफसीएनआर खातों में जमा किया जा सकता है बशर्ते अर्जित ब्याज पर कर भुगतान किया गया हो.
 
16. क्‍या एफसीएनआर के आगमों को विदेशी मुद्रा/विदेशी मुद्रा यात्री चेक में प्राप्‍त किया जा सकता है?
उत्‍तर: एनआरआई(अनिवासी भारतीय) 2000/- अमेरिकी डालर तक का भुगतान करेंसी नोटों के रूप में प्राप्‍त कर सकते हैं तथा शेष राशि यात्री चेक अथवा समस्‍त धनराशि यात्री चेक/ड्राफ्ट अथवा टीटी में प्राप्‍त कर सकते हैं.
 
17. क्‍या एफसीएनआर रकम को विदेश भेजने का कोई शुल्‍क है?
उत्‍तर: परिपक्‍वता पर किये जाने वाले धन-प्रेषण पर कोई कमीशन नहीं लिया जाता है.
 
18. यदि एनआरई/एफसीएनआर/एनआरएनआर जमाओं का भुगतान परिपक्‍वता तिथि से पहले लिया जाए तो क्‍या हानि होगी?
उत्‍तर: यदि खाते में, न्‍यूनतम परिपक्‍वता तक धन जमा नहीं किया गया है तो कोई ब्‍याज देय नहीं होगा. अन्यथा जिस अवधि के लिए धन जमा किया गया था, उस पर लागू ब्‍याज‍ दर में 0.5% कटौती करके भुगतान किया जाता है.
 
19. क्‍या अपरिपक्‍व अनिवासी भारतीय जमा राशियों की अवधि को उच्‍च ब्‍याज का लाभ प्राप्‍त करने के लिए बढ़ाया जा सकता है?
उत्‍तर: हां, जमा धन पर संचालित अवधि के लिए बिना दण्‍ड के ब्‍याज प्रदान किया जाएगा, बशर्ते कि उसे न्‍यूनतम परिपक्‍वता अवधि के लिए संचालित किया गया हो और तदुपरांत उच्‍चतर ब्‍याज दिया जाएगा.
 
20. एफसीएनआर के विरूद्ध ऋणों पर जमाकर्ताओं तथा तृतीय पक्षों के लिए ब्‍याज दर क्‍या है?
उत्‍तर: वर्तमान में दोनों ही मामलों में यह पीएलआर से 1 फीसदी से कम है.
 
21. क्‍या एनआरई/एफसीएनआर के विरूद्ध लिए गए ऋणों की अदायगी, स्‍थानीय स्रोतों से की जा सकती है?
उत्‍तर: हां.
 
22. क्‍या आपका बैंक विदेशी मुद्रा/यात्री चेक/ड्राफ्ट तथा चेक प्रस्‍तुत करने पर एफसीएनआर (B) रसीदें तत्‍काल जारी करता है?
उत्‍तर: हां, विदेशी मुद्रा, यात्री चेक तथा ड्राफ्ट, प्रस्‍तुत करने पर एफसीएनआर (B) रसीदें उसी दिन जारी हो जाती हैं. हालांकि ऐसी जमा धनों को अपरिपक्‍वता पर बंद करना या इनके विरूद्ध ऋण केवल लिखतों की वसूली के उपरांत ही दिया जाएगा. हालांकि वैयक्तिक चेकों के मामले में, एफसीएनआर (बी) रसीदें केवल वसूली प्रक्रिया पूरी होने अर्थात हमारे नोस्‍ट्रो खातों में राशि जमा होने के बाद ही जारी की जाएगी.
 
23. क्‍या ऐसे एक्‍सचेंज हाउस से खरीदे गए रूपया ड्राफ्ट (Rupee Draft) के बदले जारी एफसीएनआर(बी) रसीद की जा सकती है, जिनके साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रूपया आहरण व्‍यवस्‍था (Rupee Drawing Arrangements) है?
उत्‍तर.: हां, तथापि, एफसीएनआर(बी) की मूल्‍य तिथि, रूपए निधि के विदेशी मुद्रा में परिवर्तन की तिथि होगी. ऐसे ड्रॉफ्टों के आगम से अलग सृजित एनआरई जमा राशियों की, मूल्‍य ति‍थि ड्रॉफ्ट की तिथि हो सकती है.
 
24. क्‍या बैंक हमारे एनआरई/एफसीएनआर(B) जमाओं का नवीनीकरण स्‍वत: कर देगा?
उत्‍तर: हां, स्‍वत: नवीनीकरण का निर्देश खाता खोलते समय दिया जाता है, जिसके आधार पर निर्देशित अवधि के लिए स्‍वत: नवीनीकरण हो जाएगा.
 
25. क्‍या एनआरआई खातों में नामांकन की अनुमति है?
Ans.: हां, अनिवासी भारतीय स्‍थानीय निवासी अथवा अनिवासी के पक्ष में नामांकन कर सकता है. तथापि, प्रति खाता केवल एक नामिनी की अनुमति है. एक नाबालिग भी नामित हो सकता है, परंतु ऐसे मामलों में नाबालिग की ओर से भुगतान प्राप्‍त करने के लिए एक संरक्षक नियुक्‍त किया जाएगा.
 
26. मृत्‍यु के दावों के भुगतान के लिए क्‍या औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी?
उत्‍तर: यदि नामित व्यक्ति, भारतीय निवासी हो अथवा अनिवासी और वह, रूपयों का स्‍थानीय उपयोग करना चाहता है तो उसे भुगतान, भारतीय रूपयों में किया जाएगा. तथापि यदि, नामित व्यक्ति अनिवासी भारतीय है और धनराशि को देश के बाहर भेजने का इच्‍छुक है, तो नामित व्यक्ति को एलईजी (LEG) औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी.
 
27. एलईजी (LEG) औपचारिकताएं क्‍या हैं?
उत्‍तर: अनिवासी भारतीय को मृत्‍यु प्रमाणपत्र के साथ एलईजी(LEG) के रूप में एक फॉर्म जमा करना होता है. यह तब आवश्‍यक है, जब मृतक खाताधार‍क अपनी मृत्‍यु के समय तक अनिवासी भारतीय रहा हो और उसका नामिती भी दावा करने के समय अनिवासी भारतीय हो. इसके अतिरिक्‍त, नामि‍ती को मृतक अनिवासी भारतीय के सभी उत्‍तराधिकारियों द्वारा विधिवत हस्‍ताक्षरित तथा प्रमाणित उपयुक्‍त घोषणापत्र प्रस्‍तुत करना होगा. इन औपचारिकताओं के पूर्ण होने पर, बैंक द्वारा नामिती के निर्देशानुसार दावा राशि उसके एनआरई/एफसीएनआर खाते में अथवा विदेश भेज दी जाएगी. अन्य मामलों में, भारतीय रिर्ज़व बैंक से अनुमति आवश्‍यक है.
 
28. क्‍या अनिवासी भारतीय प्रत्‍यावर्तन आधार पर स्‍वदेश में अचल सम्‍पत्तियों में निवेश कर सकता है?
उत्‍तर: हां, प्रत्‍यावर्तन लाभ दो रिहाइशी घरों के लिए उपलब्‍ध है. रिहाइशी घरों की खरीद विदेश से भेजी गई राशि से अथवा एनआरई/एफसीएनआर खातों से फेरा(FERA)/फेमा(FEMA) के प्रावधानों के अनुसार की जानी चाहिए.
 
29. क्‍या अनिवासी भारतीय अचल स्‍वा‍मित्‍व/साझेदारी वाली फर्मों में निवेश सकता है?
उत्‍तर: हां, अनिवासी भारतीय गैर-प्रत्यावर्तन आधार पर स्‍वामित्‍व तथा साझेदारी वाली उत्‍पादन, वाणिज्यिक अथवा कारोबार में संलग्‍न फर्मों में पूंजी निवेश कर सकता है.
 
30. क्‍या अनिवासी भारतीय गैर प्रत्यावर्तन आधार पर भारतीय कम्‍पनियों के शेयरों/ऋणपत्रों (डिबेंचर्स) तथा अन्‍य प्रतिभूतियों में निवेश कर सकता है?
उत्‍तर: हां, अनिवासी भारतीय, भारतीय कम्‍पनियों के पब्लिक इश्‍यू या प्राइवेट प्‍लेसमेंट या राइट इश्‍यू द्वारा जारी शेयरों तथा परिवर्तनीय ऋणपत्रों में गैर प्रत्यावर्तन आधार पर निवेश कर सकता है. अनिवासी भारतीय गैर प्रत्यावर्तन आधार पर सरकारी प्रतिभूतियों (धारक प्रतिभूतियों के अतिरिक्‍त), कोषागार बिलों, घरेलू म्‍यूचुअल फंडों की इकाईयां, मनी मार्केट म्‍यूचुअल फंडों में निवेश कर सकता है.
 
31. क्‍या अनिवासी भारतीय प्रत्यावर्तन आधार पर सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं?
Ans.: हां, अनिवासी भारतीय प्रत्यावर्तन आधार पर निम्‍न में निवेश कर सकते हैं :-

  • दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों (धारक प्रतिभूतियों के अतिरिक्‍त), कोषागार बिलों, घरेलू म्‍यूचुअल फंडों में
  • पीएसयू (PSUs) द्वारा जारी बॉन्डों में
  • भारत सरकार द्वारा विनिवेशित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के शेयरों में ऐसे निवेशों के लिए निधि विदेशी प्रेषण अथवा एनआरआई/एफसीएनआर खातों के माध्यम से प्राप्त होनी चाहिए.

उपरोक्‍त प्रतिभूतियों को, एक मान्‍यता प्राप्‍त शेयर बाजार में स्‍टॉक ब्रोकरों के माध्‍यम से म्युचुअल फंड की इकाईयों को पुनर्खरीद करनें हेतु जारीकर्ता को प्रस्तुत कर परिपक्वता राशि प्राप्त करनें के लिए भारतीय रिर्ज़व बैंक को किया जा सकता है. सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों/कोषागार बिलों को बेचा जा सकता है. विक्रय आगमों का प्रत्यावर्तन भारत में लागू करों को काटकर किया जाएगा.
 
32. अनिवासी भारतीयों द्वारा प्रत्यावर्तन आधार पर भारतीय कंपनियों के शेयरों और डिबेंचरों में निवेश के क्‍या नियम हैं?
उत्‍तर: अनिवासी भारतीय, भारतीय कंपनियों में प्रत्यावर्तन आधार पर भारतीय रिर्ज़व बैंक (आरबीआई) की प्रदत्‍त सामान्‍य अनुमति से शेयरों और डिबेंचरों में निवेश कर सकते हैं, बशर्ते कि

  • निवेशी कंपनी, भारतीय रिर्ज़व बैंक के स्‍वचालित माध्‍यम के अतिरिक्‍त किसी अन्‍य गतिविधि में संलग्‍न न हो
  • निवेश भारतीय रिर्ज़व बैंक के विनिर्दिष्‍टानुसार सेक्‍टरवार सीमाओं के अंतर्गत हो
  • निवेशों के लिए निधियां, विदेशी आंतरिक प्रेषण के माध्‍यम से या एनआरई/एफसीएनआर खातों के माध्यम से प्राप्त हुई हो.
  • विनिवेश राशि के आगम किसी शेयर दलाल के माध्यम से प्रचलित बाजार मूल्य पर किसी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा भारतीय करों को काटकर भेजी जानी हो.
 
33. क्‍या अनिवासी भारतीय, कंपनियों में प्रत्यावर्तन आधार पर जमाएं रख सकते हैं?
हां, बशर्ते कि कंपनी ने, सार्वजनिक जमा योजना के अंतर्गत जमाएं 3 वर्षों से अंदर की अवधि के लिए स्‍वीकृत की हो और आवश्‍यक रेटिंग इत्‍यादि प्राप्‍त कर ली हो.
भारत वापस आने वाले भारतीय
 
34. अनिवासी भारतीयों के भारत आने पर उसके खातों का क्‍या होगा?
उत्‍तर: भारत वापस आने वाले भारतीयों के एनआरई/एफसीएनआर खाते स्‍थानीय खातों के रूप में परिवर्तित हो जाएंगे. तथापि उन पर, वे परिपक्‍वता तिथि तक पूर्व ब्‍याज दर से ही ब्याज प्राप्त होगा.
 
35. क्‍या अनिवासी भारतीयों को भारत आने पर कर देना पड़ेगा?
उत्‍तर: हां, अनिवासी भारतीयों की आय देश के कर कानूनों के अनुसार कर योग्‍य होती है.
 
36. क्‍या लौटने वाला भारतीय, विदेशी मुद्रा खाता रख सकता है?
उत्‍तर: हां, भारत लौटने वाले अनिवासी भारतीय अपना एनआरई, एफसीएनआर खाते को परिपक्‍वता पर आरएफसी (RFC) खातों में परिवर्तित करा सकते हैं.
 
37. आरएफसी खाता कौन खोल सकता है?
उत्‍तर: उन भारत लौटने वाले अनिवासी भारतीयों लोगों को, जो पहले भारत से बाहर रहते थे तथा अब स्‍थायी रूप से भारत में रहने के इच्‍छुक हैं, आरएफसी खाता खोलने की अनुमति है.
 
38. आरएफसी खातों के क्‍या लाभ हैं?
उत्‍तर: आरएफसी खातों के निम्‍न लाभ हैं: एफसीएनआर(B) खातों से मुद्रा परिवर्तन करने पर कोई विनिमय हानि नहीं.आरएफसी खाते में बचा हुआ धन स्‍थानीय भुगतानों के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है तथा सभी जायज उद्देश्‍यों के लिए विदेश भेजा जा सकता है. यदि अनिवासी भारतीय ने पिछले 10 वर्षों में से 9 वर्ष की अवधि विदेश में गुजारी हो, तो आरएफसी खाते में अगले दो वर्षों तक अर्जित किए गए ब्‍याज पर कोई कर देय नहीं होगा. भारत लौटने की स्थिति में उसके एनआरआई स्‍टेटस से संबंधित उसके आरएफसी खाते में बची हुई राशि एनआरई/एफसीएनआर(B) जमाओं में पुनर्परिवर्तित की जा सकती है.

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